प्रो.राधेश्याम प्रसाद सहित तीन मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ आरोग्यम हॉस्पिटल का कैथलैब
प्रो.राधेश्याम प्रसाद सहित तीन मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ आरोग्यम हॉस्पिटल का कैथलैब
प्रो.राधेश्याम प्रसाद सहित तीन मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ आरोग्यम हॉस्पिटल का कैथलैब
ब्यूरो रिपोर्ट
हजारीबाग: शहर के एकलौते निजी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एचजेडबी आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल का कैथलैब जरूरतमंद ह्रदय रोगियों के लिए संजीवनी बनकर उभरा है। हृदय रोग जिस प्रकार देशभर में आम होते जा रहे हैं हजारीबाग भी इससे जुदा नहीं है। बड़े महानगरों की तर्ज पर आरोग्यम हॉस्पिटल के कैथलैब में आपातकालीन स्थिति में हृदय रोग से संबंधित मरीजों का डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.मृणाल कुंज द्वारा इलाज कर उन्हें लगातार राहत पंहुचाया जा रहा है। इसी सप्ताह तीन हार्ट अटैक के मरीजों का यहां सफल इलाज कर उनकी जिंदगी बचाई गई। इनमें हजारीबाग के जाने-माने 72 वर्ष उम्र के प्रोफ़ेसर डॉ. राधेश्याम प्रसाद का टेम्पररी पेसमेकर के साथ एंजियोग्राफी किया गया जिसके बाद डुअल चेंबर पेसमेकर लगाया गया। इसके आलावे 50 वर्षीय धनेश्वर राणा का कोरोनरी एंजीयोप्लास्टी हुआ और मोहम्मद कलीम का प्राइमरी
एंजीयोप्लास्टिक किया गया। तीनों मरीजों की जान खतरे में थी तो अविलंब हृदय रोग संबंधित यह सुविधाएं नहीं मिलती तो उनकी की जान भी जा सकती थी। लेकिन हजारीबाग में बड़े शहरों के जैसी ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराकर आरोग्यम हॉस्पिटल परिवार जरीरतमंद लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है ।
आरोग्यम हॉस्पिटल के डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.मृणाल कुंज ने बताया की जागरूक हृदय रोगी अपने शहर में मिल रहे सुविधा का जरूरत के मुताबिक लाभ उठा रहें है और महानगरों की भागदौड़ के साथ अत्यधिक खर्च से भी बच रहें हैं।
उन्होंने बताया की बड़े शहरों की मुताबिक हम कम खर्च में बेहतर कैथलैब संबंधि सुविधा जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध करा रहें हैं। हॉस्पिटल निदेशक हर्ष अजमेरा ने बताया की हमारे यहां कार्डियोलॉजी से संबंधित सभी प्रकार की जांच और उपचार की समुचित व्यवस्था काफी सस्ती दर पर उपलब्ध हैं। अबतक दर्जनों लोगों की जान आपातकालीन स्थिति में हमारे कैथलैब से बची है ।