प्राचीन आनंदी माता के दर पर पहुँचकर एसपी ने टेका मत्था , लिया आशीर्वाद
आनंदी माता मंदिर तक सड़क और बिजली व्यवस्था हेतु परहित सेवा संस्थान ने डीएम के सामने उठाया विषय
प्राचीन आनंदी माता के दर पर पहुँचकर एसपी ने टेका मत्था , लिया आशीर्वाद
आनंदी माता मंदिर तक सड़क और बिजली व्यवस्था हेतु परहित सेवा संस्थान ने डीएम के सामने उठाया विषय
यूपी: नवरात्र का पावन समय चल रहा है और ऐसे वक़्त में शक्ति पूजन का बहुत महत्व है। इसी क्रम में चित्रकूट की लोकप्रिय पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने मरवरिया पहाड़ पहुँचकर आनंदी माता के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया । ग़ौरतलब हो कि नवरात्र के पहले दिन से आनंदी माता मंदिर में परहित सेवा संस्थान द्वारा प्रातः क़ालीन और सायंक़ालीन आरती कराई जा रही है । इस मुहीम को लगातार क्षेत्रवासियों का सहयोग मिल रहा है । डकैतों के समाप्त होने के बाद अब बहुत तेज़ी से पाठा क्षेत्र के दिन बहुर रहे हैं। सुदूर जंगल क्षेत्र में स्थित मंदिरों तक पहुँचना पहले इतना आसान और सुरक्षित नहीं था । लेकिन अब समय बदल गया है । सैकड़ों हज़ारों की संख्या में रोज़ाना श्रद्धालु ऐसे सभी स्थलों तक पहुँच रहे हैं। ऐसा ही एक देवी स्थल पाठा के सुदूर जंगल क्षेत्र में स्थित है जहां मरवरिया पहाड़ में स्थापित हैं कुलदेवी आनंदी माता का प्राचीन मंदिर । मानिकपुर क्षेत्र की कुलदीप के तौर पर पूज्य हैं आनंदी माता और नवरात्र के मौक़े पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार पहुँच रहे हैं ।
आपको बता दें की आनंदी माता मंदिर तक पहुँचना अभी भी थोड़ा कठिन है क्योंकि रास्ता थोड़ा ख़राब है और मंदिर में प्रकाश की भी पूर्ण व्यवस्था नही है। इसी संबंध में शनिवार को मानिकपुर तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान परहित सेवा संस्थान के प्रबंधक अनुज हनुमत ने ज़िलाधिकारी अभिषेक से गुहार लगाई । ज़िलाधिकारी ने डीएफ़ओ/डिप्टी डायरेक्टर टाइगर रिज़र्व को निर्देशित किया की उक्त प्राचीन स्थल तक जल्द से जल्द जनहित में रास्ता दुरुस्त करायें । बिजली व्यवस्था दुरुस्त कराने हेतु उन्होंने खंड विकास अधिकारी को भी निर्देशित किया । इसी दौरान ज़िला पंचायत द्वारा बनाये गये रास्ते का भी विषय उठा । डीएम ने कहा आनंदी माता तक जो रास्ता पूर्व में ज़िला पंचायत द्वारा बनाया गया था उसकी जाँच कराई जा रही है। इस दौरान डीएम ने डीएफ़ओ को यह भी निर्देशित किया की जल्द से जल्द चूल्ही गाँव तक रास्ता बनवायें ।
विजय त्रिवेदी चित्रकूट