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प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीब से होती है वसुली चौपारण में निगरानी के हाथों धराया पंचायत सेवक 

प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीब से होती है वसुली चौपारण में निगरानी के हाथों धराया पंचायत सेवक 

प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीब से होती है वसुली चौपारण में निगरानी के हाथों धराया पंचायत सेवक 

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए ले रहा था पांच हजार रुपये का घुस

 

हजारीबाग/बरही: जिले के चौपारण प्रखंड से बृहस्पति वार को एक बड़ी खबर आई।दरअसल जिले के सबसे बड़े प्रखंड चौपारण में प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना में जमकर धांधली चल रही है ।ऐसे में शिकायत मिलने पर निगरानी विभाग ने बृहस्पतिवार को बरहमोरिया पंचायत के पंचायत सेवक अशोक दास को घुस के रकम के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार ब्रह्मोरिया पंचायत के हथिया गांव निवासी गणेश यादव ने एसीबी को लिखित शिकायत कर पंचायत सेवक द्वारा घूस की राशि मांगने की जानकारी दी थी। इसी शिकायत के आलोक में सत्यापन के बाद बृहस्पतिवार को बड़ी कार्रवाई की गई ।इसके तहत पंचायत सेवक के केंदुआ मोड़ स्थित किराये के आवास में हजारीबाग एसीबी की टीम भुक्तभोगी गणेश यादव के साथ पहुंची । घुस में मांगे गये पांच हजार के पांच पांच सौ के नोट पंचायत सेवक को दिया गया। जैसे ही उसने रकम अपने हाथों में लिया कि उसे दबोच लिया गया । निगरानी की टीम पकडे ग्रे पंचायत सेवक को अपने साथ हजारीबाग ले गई ।बताया गया कि वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास के लिए भुक्तभोगी गणेश यादव को पहली किस्त ₹40000 मिल चुके थे। दूसरे किस्त के लिए वह लगातार दौड़ लगा रहा था। इस दरमियान उससे ₹10000 घूस की मांग की गई थी । अंत में थक हारकर उसने एसीबी का सहारा लिया और पंचायत सेवक को रंगे हाथ धरा दिया। योजना के अनुसार पंचायत सेवक को दस हजार रुपए में से पांच हजार दिया गया। घुस का शेष पांच हजार रुपए चेक मिलने के बाद दिया जाना था। निगरानी के धर पकड़ के बाद पंचायत सेवक के किराए के मकान के समीप आपाधापी मच गई। बताया गया कि निगरानी टीम तीन वाहनों में सवार होकर पहुंची थी।

तीन पंचायतों का प्रभार था पंचायत सेवक को

 

निगरानी की पकड़ में आए पंचायत सेवक अशोक कुमार को प्रखंड के तीन महत्वपूर्ण पंचायतों का प्रभार मिला था। वह बरहमोरीया के अतिरिक्त दादपुर और रामपूर को सेवा दे रहा था। जानकारी के अनुसार बरहमोरीया पंचायत में वर्ष 2021-22 में लगभग एक सौ प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए जिसमें से चालीस अपूर्ण हैं। पंचायत सेवक के पकडे जाने पर घटना स्थल के आसपास लोगों में खुशी देखी गई।

 

किराये के मकान में चलाते हैं समानांतर कार्यालय

 

प्रखंड के 26 पंचायतों के लिए केवल दस पंचायत सेवक कार्यरत हैं। उनमें से भी दो जनसेवक को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। हर पंचायत सेवक को तीन पंचायतों का प्रभार दिया गया है। इनमें शैलेन्द्र पासवान, राजेश कुमार,अशोक पासवान, गणेश ठाकुर, चंद्रेश्वर दास, उमन महतो, केदार साव, अशोक कुमार , मोहन यादव , सुरेंद्र प्रसाद सभी सेवा देने के बाद से ही किराये के मकानों में रहकर समानांतर कार्यालय चलाते हैं। इनके आवास में ही सरकारी दस्तावेज रहते हैं। बताया जाता है कि इन्हीं किराए के आवास से बडे पैमाने पर गरीबों को आवास योजना के लिए रकम वसुली किया जाता था। प्रति आवास बीस से तीस हजार रुपए घुस में लिया जाता है।

 

*छत की मजबुरी ने बडे कदम उठाने को किया मजबूर- गणेश यादव*

 

पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए गणेश यादव ने बताया कि बीते कई साल से घर को लेकर परेशान था। उसके मिट्टी के मकान ध्वस्त हो गए थे।किसी तरह करकेट के नीचे वह अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ रहता है। प्रधानमंत्री आवास योजना मिलने की उसकी खुशी तब काफुर हो गई जब उसे घुस के रुप में पूरे योजना के लिए बीस हजार रुपए मांगे गए। बताया कि पहली किस्त मिलने पर वह काम लगा चुका है। राशि खत्म होने पर दूसरे किस्त के लिए बीते तीन माह से लगातार प्रखंड कार्यालय आ रहा था परंतु उसकी सुनी नहीं जा रही थी। जब वह घुस देने को तैयार हुआ तो उसे दुसरी किस्त देने का वायदा किया गया। इसी बीच उसने तंग आकर निगरानी को शिकायत की। गणेश यादव की हिम्मत की सभी प्रशंसा कर रहे हैं।

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