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पुल नहीं होने से ग्रामीण परेशान जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं ग्रामीण

पुल नहीं होने से ग्रामीण परेशान जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं ग्रामीण

बरकट्ठा :- प्रखंड मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर और एन एच दो जीटी रोड घंघरी से लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक आदिवासी गांव डुमरिया टांड आज भी विकास से महरूम है यहां के लोग मजदूरी कर अपने बच्चों को शिक्षा और पढ़ाई की ओर ले जाते हैं। लेकिन छोटे-छोटे बच्चों की पढ़ाई तीन माह तक बाधित होने का मलाल उन्हें होता है। डुमरिया टांड के आदिवासी लोग आज भी बरसात में जान जोखिम में डालकर नदी मे लबालब पानी और उफनती धारा को चीरकर पार करते हैं। इस वजह से पिछले तीन साल पूर्व एक व्यक्ति की जान और एक मोटरसाइकिल भी चली गई। नदी पर पुल बनाने की मांग ग्रामीण वर्षों से करते आ रहे हैं। लेकिन ना तो सरकार और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर गया है। ऐसे में लाचार बेबस डुमरिया टांड के आदिवासी ग्रामीण जान हथेली पर रखकर पुल के अभाव में नदी पार कर प्रखंड मुख्यालय व हॉस्पिटल एवं बाजार आना-जाना करते हैं। बरसात में लोगों को पानी से भरे नदी में पार होने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किसी व्यक्ति का तबीयत खराब हो जाता है। तो नदी में पुल नहीं होने से इलाज के लिए ले जाने में काफी परेशानियां होती है।इसको लेकर कई बार यहां के नेताओं से गुहार लगाई गई। मगर कोई फायदा आज तक नहीं हुआ।

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