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पलामू शहीद अनुराग शुक्ला का जन्मोत्सव बना पलामू की नई परंपरा

शहीद के माता-पिता के अरमान को सबने किया सलाम, जन्मोत्सव पर सोहर एवं शहीदी गीत से दी गई सच्ची श्रद्धांजलि।

पलामू शहीद अनुराग शुक्ला का जन्मोत्सव बना पलामू की नई परंपरा

शहीद के माता-पिता के अरमान को सबने किया सलाम, जन्मोत्सव पर सोहर एवं शहीदी गीत से दी गई सच्ची श्रद्धांजलि।

पलामू: पलामू के सिंगरा में स्थित शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला चौक पर अवस्थित शहीद स्मारक स्थल पर मां भारती के सपूत शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला का 28 वां जन्मदिन को परंपरागत तरीके से मनाया गया। शहीद के पिता जितेन्द्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में शहीद अनुराग के कीर्तिगाथा को जीवंत करने के लिए हर साल 3 दिसंबर को जन्मोत्सव का आयोजन अमरत्व का संदेश देता है। हर वर्ष की भांति जन्मोत्सव पर पहले झंडोत्तोलन कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। वहीं आए हुए आगंतुकों ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। उसके उपरांत भोजपुरी मंच स्टार गोलू राजा ने शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला की कीर्ति को सोहर एवं शहीदी गीत का माला पिरोकर शहादत के सम्मान को नया आयाम दिया। वहीं भोजपुरी गायिका खुश्बू सिंह ने अनोखे जन्मोत्सव में अलग समां बांध खुद को शहादत के सम्मान देने का हिस्सा बन सौभाग्यशाली बताया। जन्मोत्सव पर 28 पौंड का केक काटा गया, शहीद अनुराग का पसंदीदा भोजन खीर प्रसाद के तौर पर बांटा गया, साथ ही जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण भी किया गया। शहादत के बाद शहीद के परिवार को भूल जाने वाली मानसिकता को तोड़ शहीद को अमरत्व प्राप्ति के मूल अर्थ को ऊंचा मुकाम दिया गया। इस दौरान 28 पौंड का केक काटकर शहीद की माता उषा शुक्ला ने उसके साथ होने के एहसास को जीवंत रखा।

वहीं जरूरतमंदों के बीच शहीद की माता ने बताया कि मुझसे ज्यादा क़र्ज़ भारत माता का है, जिसका संतान बनकर बेटे होने का फर्ज अदा किया है। अगले जन्म में उसे मेरा कर्ज उतारना है। और संपूर्ण जीवन संग जीना है।

शहीद के पिता जितेन्द्र शुक्ला की माने तो शहीद अनुराग के जीवन चरित्र एवं सिद्धांत उनके शहादत के बाद समझ में आया। जिसमें मानवता, इंसानियत, सामाजिकता, व्यवहारिकता तो कूट-कूट कर भरी हुई थी, उनमें भारतीयता की छाप देश सेवा से जुड़ी हुई थी। जिसे मरते दम तक शहादत दिवस और जन्मोत्सव उर्जा एवं उत्साह के साथ मनाएंगे। और ऐसी व्यवस्थित परंपरा का निर्माण करेंगे जो उनके जाने के बाद भी जबतक धरती रहेगी शहीद अनुराग की गाथा सिंगरा में गायी जाती रहेगी।

मौके पर पलामू पुलिस की ओर से सदर थाना प्रभारी गौतम कुमार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए अनुराग के नाम की दीपमाला स्मारक स्थल पर सजावट कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पलामू पुलिस कप्तान रिश्मा रमेशन ने बताया कि ऐसा जन्मोत्सव पहली बार देखने को मिला। देशभर के लिए पलामू में मनाए जाने वाला शहीद का जन्मोत्सव अनुकरणीय है। देश की रक्षा में बलिदान देने वाले सेना एवं पुलिस के जवानों के लिए सम्मान बढ़ाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।

मौके पर मेदिनीनगर की पहली महापौर अरूणा शंकर ने कहा कि सिंगरा स्थित शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला चौक पर आयोजित जन्मोत्सव में शामिल होना सौभाग्य की बात है। शहीद अनुराग वीरगति को प्राप्त हुआ है, और उनके माता-पिता शोक मनाने के बजाय गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। अरूणा शंकर ने कहा कि जन्मोत्सव एवं शहादत दिवस को हर वर्ष मनाया जाएगा, जिससे सीख पलामू के हर अभिभावक का सपना होगा कि उनके घर एक अनुराग का जन्म हो।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के सूत्रधार झारखंड के प्रसिद्ध तबलावादक शिशिर कुमार शुक्ला ने मंचासीन कलाकारों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। वहीं कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष पाण्डेय लकी ने किया, वहीं मंच संचालन की जिम्मेदारी लोकगायक शिव चौधरी ने निभाई। इस दौरान जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक सिंह टूटू सिंह, पूर्व सांसद घूरन राम, भाजपा नेता किशोर पाण्डेय, झामुमो केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य मनोज गुप्ता, झामुमो युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सन्नी शुक्ला की गरिमामय उपस्थिति रही। जिसे सफल बनाने में शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला की बहन सुप्रिया तिवारी, रौशनी शुक्ला, अतुल्या, बहनोई अभिषेक तिवारी, भगीना अमोघ तिवारी, भगीनी आद्या तिवारी, बाबा संतोष शुक्ला, दिलीप शुक्ला, लव शुक्ला, पारस शुक्ला, रमेश शुक्ला, मित्र आशीष भारद्वाज, पूर्व सैनिक ब्रजेश शुक्ला, उमाशंकर मिश्रा, सी पी शुक्ला समेत सैकड़ों लोगों ने सहयोग किया।

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