पर्यावरण के प्रति कितने गंभीर हैं हम , “धरती का आवरण बचाएं, आओ पर्यावरण बचाएं “
खबर 24 न्यूज़ संवाददाता शोएब अख्तर की कलम से.......
पर्यावरण के प्रति कितने गंभीर हैं हम , “धरती का आवरण बचाएं, आओ पर्यावरण बचाएं “
खबर 24 न्यूज़ संवाददाता शोएब अख्तर की कलम से…….
हरे पेड़ पौधे, स्वच्छ वातावरण, स्वच्छ हवा किसे नहीं भाता, सारे जीव जंतु मनुष्य, वातावरण और पर्यावरण पर निर्भर रहते हैं। यही पेड़ – पौधे ही जीव जंतु एवं मानव को जिंदा रखती है। यदि पेड़ पौधे और स्वच्छ वातावरण ना मिले तो जीव जंतु एवं मानव जाति में हाहाकार मच जाएगी। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी । इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। जिसमें तकरीबन 119 देशों ने हिस्सा लिया था। जिसका सम्मेलन 1972 में ही स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनडीपी) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित कर के नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया। इस सम्मेलन में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व में भविष्य पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान दिया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का यह पहला कदम माना जाता है, इसलिए यह दिन भारत के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पहली बार 1973 में कुछ खास कांसेप्ट के साथ केवल धरती विषय के साथ मनाया गया। इसके बाद 1974 से दुनिया के अलग-अलग शहरों में विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी की जा रही है। इसके लिए हर साल एक नया विषय और एक नई थीम चुना जाता है।
इस वर्ष पाकिस्तान इसकी मेजबानी कर रही है, इस साल की थीम है पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (इकोसिस्टम रीस्टोरेशन)। शहर गांव को हरा-भरा करके, पेड़- पौधे लगाकर, जगह-जगह बगीचे बनाकर, नदियों और समुद्रों की सफाई करके, पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली की जा सकती है। प्रकृति को बचाना हर इंसान का कर्तव्य है, और प्रकृति को बचाने के लिए सिर्फ एक अकेला व्यक्ति काफी नहीं है। इसके लिए हम सभी को साथ आकर समय रहते एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए। हमें चाहिए कि हर समारोह या उत्सव में एक पेड़ अवश्य लगाएं। सिर्फ पर्यावरण दिवस में ही नहीं बल्कि हर समय हमें पर्यावरण के प्रति गंभीर होनी चाहिए। हमें पर्यावरण को बिना वजह दोहन नहीं करना चाहिए। हमें संसाधन को विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।