नाबार्ड ने दिया हजारीबाग के एफ़पीओ को मोबाइल वैन का तोहफा,
नाबार्ड सीजीएम ने सौंपी एफ़पीओ चूरचू वाड़ी फल सब्जी प्रो.कं.लि.को सफलता की चाभी .......
नाबार्ड ने दिया हजारीबाग के एफ़पीओ को मोबाइल वैन का तोहफा,
नाबार्ड सीजीएम ने सौंपी एफ़पीओ चूरचू वाड़ी फल सब्जी प्रो.कं.लि.को सफलता की चाभी …….
झारखंड : नाबार्ड ने स्वीकृत किया है एफ़पीओ को मोबाइल वैन के लिए 50% का अनुदान। एफ़पीओ ने इस अनुदान की मदद से खरीदा है महिंद्रा पिक-अप वैन। ग्रामीण बैंक ने इसके लिए ऋण सहयोग दिया है।
सीजीएम (मुख्य महाप्रबन्धक) श्री गोपा कुमारन नायर जी ने नाबार्ड की रुरल मार्ट योजना के अंतर्गत सफल एफ़पीओ को मोबाइल वैन खरीदने के लिए 50% राशि के अनुदान की योजना की शुरुआत हजारीबाग जिले से की। इस वर्ष रामगढ़ सहित कई जिलों से चार एफ़पीओ को मोबाइल वैन के लिए अनुदान स्वीकृत किया गया है।
सीजीएम ने मोबाइल वैन की चाभी चूरचू वाड़ी फल सब्जी प्रो. कं. लि. के निदेशक मण्डल को सौंपते हुए उम्मीद जताया कि इससे एफपीओ के कारोबार में अच्छी वार्षिक वृद्धि (5 से 15.00 लाख रुपये के बीच) देखने को मिल सकती है। साथ ही यह एफ़पीओ और भी ज्यादा किसानों को उनके घर/ खेत में ही सेवाएँ दे पाने में सक्षम होगा। इन सेवाओं में इनपुट (बीज, पौधे, खाद, अन्य रसायन आदि) और उपज का उठाव और उनका आगे के बाज़ारों से लिंकेज शामिल है। उन्होने सभी निदेशकों को अधिकाधिक किसानों को जोड़ने और उनको अधिकाधिक सेवाएँ प्रदान करने के लिए पूरे मनोयोग से प्रयास करने का अनुरोध किया। सीजीएम श्री नायर ने मोबाइल वैन को खुद भी चला कर भी देखा।
इस एफ़पीओ ने अपने चेयरमैन फुलेश्वर महतो के नेतृत्व में कई सफलताएँ प्राप्त की हैं और कम से कम दस प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध करने का लक्ष्य रखा है और जल्द ही कृषि उत्पादों के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है।
इस एफ़पीओ का गठन चूरचू प्रखण्ड में नाबार्ड के वाड़ी कार्यक्रम से जुड़े 1500 आदिवासी परिवारों और अन्य किसानों को उनकी उपज को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था।
नाबार्ड वाड़ी योजना के अंतर्गत चूरचू प्रखण्ड में 2011 से शुरू कर के तीन चरणों में 1500 आदिवासी गरीब परिवारों को स्थायी आजीविका निर्माण करने के उद्देश्य से एक-एक एकड़ अनुपयुक्त/अप्रयुक्त भूमि में फलदार वृक्षों के दीर्घकालिक आस्ति का निर्माण के साथ-साथ खेती की मध्यवर्ती फसलों (इंटर-क्रोपिंग) की मुख्य-धारा में शामिल करने के लिए तीन परियोजनाएं क्रियान्वित कर रहा है।
विदित हो कि नाबार्ड हजारीबाग जिले के चूरचू, दाड़ी, बड़कागाँव, ईचाक, बरही और बिष्णुगढ़ जैसे कुल छह प्रखंडों में कुल 10 एफ़पीओ (प्रोड्यूसर कं.) की स्थापना कर उन्हें पोषित कर रहा है। इसके साथ ही पद्मा और टाटीझरिया में भी एक-एक एफ़पीओ का गठन इस वर्ष किया जाना है। इन सभी एफ़पीओ में कुछ अन्य एफ़पीओ के साथ साथ चूरचू प्रखण्ड का एफ़पीओ चूरचू वाड़ी फल सब्जी प्रो. कं. लि. काफी अच्छी स्थिति में है और अनेकों गतिविधियों और सुविधाओं से अपने शेयरधारक किसानों को लाभ पहुंचा रहा है। इन सुविधाओं में प्रशिक्षण, प्रसार सेवाओं (विभागों/ संस्थाओं) के साथ जुड़ाव, इनपुट शॉप, उपज का बाजार उपलब्ध कराना (ई-नाम सहित), सीएससी (प्रज्ञा केंद्र/ कॉमन सर्विस सेंटर) से जुड़ी डिजिटल सेवाएँ, सीएसपी (मिनी डिजिटल बैंक) से जुड़ी लेन-देन, कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग और धान की सरकारी खरीद जैसी सेवाएँ शामिल हैं।
इन सभी एफ़पीओ का कुल टर्न ओवर 2020-21 में 1 करोड़ रुपये को पार कर चुका है और ये सभी एफ़पीओ सीधे तौर पर 3000 किसानों से जुड़कर उनको उनको सेवाएँ दे रहे हैं। डीडीएम नाबार्ड प्रेम प्रकाश सिंह का कहना है कि यदि सभी एफ़पीओ एक दूसरे के साथ पूँजी और बाजार आधारित सहयोग विकसित कर लें तो वर्ष 2021-22 में ही इनका सामूहिक व्यापार 10 करोड़ रुपये को पार कर सकता है और इनमे कई एफ़पीओ अपनी नयी पहलों के द्वारा शेयरधारक किसानों को कई प्रकार से जोड़ सकेंगे और उनकी संख्या दस हज़ार को भी पार कर सकती है।
इस एफ़पीओ के अलावा दो और एफ़पीओ (दाड़ी संयुक्त ग्रामीण प्रो. कं. लि. और बिरसा मुंडा एग्रो प्रो. कं. लि.) को ऐसी मोबाइल वैन के लिए अनुदान की अनुसंशा भेजी गयी है।
इनके अलावा नाबार्ड सक्रिय एफ़पीओ को 5 लाख रुपये के व्यापारिक पूँजी का अनुदान देता है। हजारीबाग के 10 में से 3 एफ़पीओ इस योजना का भी लाभ उठा चुके हैं। इसके अलावे इनमे से 2 एफ़पीओ ने एसएफ़एसी का मैचिंग इक्विटि ग्रांट का भी लाभ लिया है।