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डीलर की मनमानी से है ग्रामीण परेशान नहीं दिया जा रहा है दो माह का राशन आवेदन देकर करवाई की किया मांग

डीलर की मनमानी से है ग्रामीण परेशान नहीं दिया जा रहा है दो माह का राशन आवेदन देकर करवाई की किया मांग

डीलर की मनमानी से है ग्रामीण परेशान नहीं दिया जा रहा है दो माह का राशन आवेदन देकर करवाई की किया मांग

 

गिरिडीह: मनोज कुमार।

गिरिडीह:जमुआ प्रखंड अंतर्गत मलुआटांड़ पंचायत अंतर्गत जन वितरण प्रणाली दुकान संचालक के द्वारा महीने में कार्ड धारियों को दो बार के जगह एक ही बार राशन का वितरण किया जा रहा है। इससे साफ पता चलता है कि डीलर के द्वारा खुलेआम गरीबों को मिलने वाले अनाजों की कालाबाजारी की जा रही है। इसको लेकर पूरे पंचायत के लोगों में काफी आक्रोश है। इस बाबत कार्ड धारियों ने बताया कि जुलाई माह से ही डीलर रहमत अंसारी द्वारा प्रत्येक माह एक ही बार राशन दिया जा रहा है। का धारियों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक मशीन में दो तीन बार अंगूठा के माध्यम से लिंक लगवा लेता है। लेकिन राशन एक ही बार दिया जाता है। इसके बारे में पूछे जाने पर डीलर कहता है की अभी राशन नहीं आया। कार्ड धारी महिलाओं ने बताया कि इसका विरोध करने पर डीलरों द्वारा धमकी भी दिया जाता है। इस समस्या से निदान को लेकर मलुआटांड़ पंचायत समिति सदस्य सोनिया देवी की अगुवाई में भारी संख्या में ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त एक आवेदन जिला आपूर्ति पदाधिकारी के नाम सौंपा गया। आवेदन के माध्यम से बताया गया कि इस पंचायत अंतर्गत करिश्मा स्वयं सहायता समूह और तुला स्वयं सहायता समूह दो जन वितरण प्रणाली दुकान संचालित है। दोनों दुकान के संचालकों द्वारा मनमानी तरीके से 1 महीने में एक ही बार राशन दिया जा रहा है। यह कारनामा जुलाई माह से लगातार किया जा रहा है। इस बाबत अधिवक्ता सा पंचायत प्रतिनिधि भुनेश्वर महथा ने बताया कि इस पंचायत में संचालित जन वितरण प्रणाली दुकानदारों द्वारा खुलेआम सरकारी अनाजों का दुरुपयोग किया जा रहें है। करोना काल से ही महीने में दो बार गरीबों को अनाज देने का प्रावधान सरकार द्वारा की गई थी। लेकिन इस पंचायत के डीलरों द्वारा गरीबों को महीने में दो बार की जगह एक ही बार राशन दिया जा रहा है। आवेदन के माध्यम से जिला आपूर्ति पदाधिकारी से मांग की गई कि जल्द से जल्द इस और जांच पड़ताल कर जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के खिलाफ कारवाई की जाए। अन्यथा बाध्य होकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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