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झारखंड का अमित पासवान पैदल नाप रहा हिन्दुस्तान।

झारखंड का अमित पासवान पैदल नाप रहा हिन्दुस्तान।

रांची के बरयातु मे मिल हिन्दुस्तान को पैदल नापने वाला जुनुनी नौजवान अमित पासवान।  धनबाद के अपने घर झरिया के फुल बंगला मोहल्ला से एक मकसद के साथ निकला है हिन्दुस्तान की साझी बिरासत की ज़मीन तलाश करने। ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ उसका यह अपने तरह का अनोखा अभियान है। इसके लिए उसने एक खास तरह की गाड़ी तैयार किया है, जो हाथ के धक्कै से चलता है। इसमे उसका जरुरी सामान और एक छोटा टेंट है। जहां कहीं वो थक जाता है, टेंट तान कर आराम कर लेता है। अब तक अमित ने 2000 किलो मीटर की यात्रा की है। उसने बताया कि पूरे हिन्दुस्तान की पैदल यात्रा मे तीन साल लगैगा। वह बिना किसी सहयोग और प्रचार् के इस यात्रा पर निकला है। उसका नारा है बर्न् कैलोरी, नोट फियुल्। उसका कहना है देश और दुनिया के लिए ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी समस्या है, इसके लिए समाज को जागरूक होना होगा। तभी समाधान हो सकता है। उसका कहना है कि विज्ञान के कारण कार्बन् का उत्सर्जन् हो रहा है। हम सब की जिमैबारी है कि मनुष्य को बचाया जाए। इसके लिए पैदल चलना ही एक मात्र विकल्प है। अमित जब अपनी यात्रा पर उदास होता है तो गितार् बजाता है, अपनी माँ, पिताजी और भाइयो को याद् करता है। सिर्फ24 साल का अमित जब हिन्दुस्तान की अपनी यात्रा खत्म करैगा तब उसकी उम्र,27 साल का हो जायैगा। उसने अपनी पढ़ाई बी ए तक की है। एनएस् डी मे एड्मिसन लेना उसका लक्ष्य है। मूल रूप से वो कलाकार् है। अब तक दर्जनों नाटकों मे उसने दमदार अभिनय किया है। आज जब वो रांची पंहुचा तो सादत् केसर,असफाक आलम, जाबैद् एक्बाल्, मुकैश् कुमार ने एग् रोल खिलाकर् और दो गैन्दै का माला पहना कर उसका स्वागत किया। विगत,125 दिन अमित पैदल यात्रा पर है। छतीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड की उसने पैदल यात्रा पूरी कर ली है। अगला पडाव बिहार है। अमित घर से अकैलै पैदल निकला है, हिन्दुस्तान मे नई ज़मीन तलाश करने। आप उसे पागल कह सकते हैं, लेकिन जूनून, जोश और जज्बा का नाम है अमित पासवान्। उसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम होगा।

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