ज्ञान ज्योति कॉलेज ऑफ फार्मेसी हजारीबाग में आजादी के
75 वर्ष के शुभ अवसर पर अमृत महोत्सव अंतर्गत लेखन एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया
ज्ञान ज्योति कॉलेज ऑफ फार्मेसी हजारीबाग में आजादी के 75 वर्ष के शुभ अवसर पर अमृत महोत्सव अंतर्गत लेखन एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया
हजारीबाग: स्थानीय पीडब्ल्यूडी चौक स्थित ज्ञान ज्योति कॉलेज ऑफ फार्मेसी हजारीबाग में आजादी के 75 वर्ष के शुभ अवसर पर अमृत महोत्सव अंतर्गत लेखन एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें डी फार्मा के सत्र 21-23 के छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस निबंध प्रतियोगिता का मुख्य विषय आजादी के 75 वर्ष में औषधि के क्षेत्र में फार्मासिस्ट ओ का योगदान।
इस निबंध प्रतियोगिता का प्रारंभ दीप प्रज्वलन कार्यक्रम के साथ निदेशक शंभू कुमार एवं विनय कुमार सहित फार्मेसी के पदाधिकारियों के साथ किया गया।
अपने उद्घाटन भाषण में निदेशक शंभू कुमार ने कहा कि भारत स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद औषधि के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है जिसमें हमारे फार्मासिस्ट ओ का योगदान सराहनीय रहा है भारत की यह विशेषता है यहां औषधि निर्माण के क्षेत्र में प्राचीन एवं आधुनिक दोनों प्रकार की औषधियों से रोगों का निदान संभव हो पाया है। हमारे फार्मासिस्ट रैनबैक्सी लूपिन ग्लैक्सो एल्केम आदि बड़ी-बड़ी दवा उत्पादन कंपनियों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे।
आज भारत में फार्मेसिस्ट की पढ़ाई हेतु आधारभूत संरचना का भी विकास किया है विभिन्न कॉलेज और संस्थान फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के तत्वावधान में औषधि निर्माण के क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे हैं।
हमारे फार्मासिस्ट में वह प्रतिभा है जो अनेक असाध्य बीमारियां जैसे एड्स कैंसर माइग्रेन मस्तिक से जुड़ी बीमारियों हेतु संपूर्ण समाधान से संबंधित औषधि निर्माण कर सकते हैं ज्ञान ज्योति कॉलेज ऑफ फार्मेसी अपने छात्र छात्राओं को इस प्रकार की शिक्षा दे रहा है कि वह असाध्य बीमारियों का रामबाण औषधि का निर्माण कर सकें।
इस निबंध प्रतियोगिता में सत्र प्रथम की छात्रा ज्योति कुमारी सर्वश्रेष्ठ निबंध लिखकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस निबंध प्रतियोगिता का संचालन समन्वयक उमेश गुप्ता एवं उप प्राचार्य नीतू सिन्हा के द्वारा किया गया। जिनका सहयोग फार्मेसी के शिक्षक उज्जवल कुमार आलोक राय श्वेता कुमारी मोहन कुमार किया गया।
इस अवसर पर निदेशक विनय कुमार ने कहा कि हम ऐसे फार्मासिस्ट ओ को तैयार करते हैं ताकि 21वीं सदी में उत्पन्न होने वाली असाध्य बीमारियों पर विजय प्राप्त कर सकें। इसके लिए वह कृत संकल्पित है