जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति दिशा की तीसरी बैठक
जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति दिशा की तीसरी बैठक
जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति दिशा की तीसरी बैठक
गिरिडीह, मनोज कुमार।
गिरिडीह: जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति दिशा की तीसरी बैठक शुक्रवार को नगर भवन में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी के द्वारा किया गया।
इनके अलावा बैठक में राज्य शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, गिरिडीह विधायक सुदीब्य कुमार सोनू, जमुआ विधायक केदार हाजरा, बगोदर विधायक विनोद कुमार, जिप अध्यक्ष मुनिया देवी, नगर निगम के प्रभारी महापौर प्रकाश राम उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, पुलिस अधीक्षक अमित रेनू समेत सभी विभाग के अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान प्रत्येक योजनाओं के आधे अधूरे रिपोर्ट रहने के कारण केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री भड़क उठी। जिसके बाद इस बैठक को बीच में ही विराम कर देना पड़ा। बैठक के दौरान जितने भी विभागों से संबंधित योजनाओं को रखा गया वह पूरे नहीं थे। जिस पर शिक्षा राज्यमंत्री ने खेद प्रकट किए। इस बाबत केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान नल जल योजना पीडब्ल्यूडी प्रधानमंत्री सड़क योजना समेत जितने भी योजनाओं पर चर्चा किया गया वह सारे आधे अधूरे से जिसके कारण बैठक को बीच में ही रोक देना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर उपायुक्त को खास निर्देश दिया गया कि पहले सभी विभागों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद ही दिशा बैठक का आयोजन करें और योजनाओं की पूरी जानकारी दें। श्रीदेवी ने कहा कि अगले 1 महीने के बाद पुनः दिशा की बैठक आयोजित की जाएगी और यदि उस बैठक में संबंधित विभागों से पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो अधिकारियों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने हर घर जल योजना को लेकर कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री का एक महत्वकांक्षी योजनाएं हैं। वर्ष 2024 तक हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन खेद की बात यह है कि गिरिडीह जिले में जिस तरह से काम हो रहा है वह असंतोषजनक है। उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिले में जो कार्य हो रहा है वह बहुत धीमी है। साथ ही गुणवत्ता में कटौती की जा रही है।
जिसको लेकर भी उपायुक्त को सख्त निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से जो विकास की राशि आ रहे हैं उसका पूरा-पूरा उपयोग राज्य सरकार द्वारा नहीं की जा रही है। इसका परिणाम यह है कि सही से विकास योजनाओं को आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री का विकास कार्य करने का मनसा ही नहीं है लिहाजा खंड वापस चला जाता है जो खेद की बात है।