छात्रावास के युवाओं की ओर से आदिवासी दिवस पर आयोजित किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रम
छात्रावास के युवाओं की ओर से आदिवासी दिवस पर आयोजित किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रम
गिरिडीह कॉलेज के छात्रावास के युवाओं की ओर से आदिवासी दिवस पर आयोजित किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रम
गिरिडीह: गिरिडीह कॉलेज गिरिडीह में स्थित आदिवासी छात्रावास के युवाओं द्वारा कॉलेज के न्यू बिल्डिंग में आदिवासी दिवस के अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में नुनुलाल मरांडी मुख्य रूप से उपस्थित थे। सबसे पहले उपायुक्त ने कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण किया। जिसके बाद आदिवासी युवकों ने मांदर की थाप पर अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान आदिवासी युवतियों ने नृत्य प्रस्तुत करते हुए अतिथियों को मंच स्थल तक पहुंचाया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान एक से बढ़कर एक नृत्य की प्रस्तुति की गई। इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता को आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर जल जंगल और पर्यावरण को संरक्षित करते हुए समाज को आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण को बचाने के लिए कई संघर्ष किए। हमारे प्रत्येक पीढ़ी को उनके संघर्षों को याद करते हुए पर्यावरण और जंगल को बचा कर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कस्तूरबा विद्यालय और अन्य विद्यालयों में कैरियर काउंसलिंग का आयोजन किया जा रहा है। गिरिडीह कॉलेज में भी इस दिशा में कार्य किया जाएगा। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ मृगेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज के छात्र छात्रा बड़े ही उत्साहित होकर आदिवासी दिवस मना रहे हैं। सभी में एक अलग प्रकार का उत्साह नजर आ रहा। उन्होंने आदिवासी दिवस का शुभकामनाएं देते हुए इस कार्यक्रम की सराहना किए कार्यक्रम कार्यक्रम के दौरान अन्य लोगों ने भी संबोधन किया और आदिवासी दिवस के बारे में बताया।
मौके पर प्रोफेसर नयन सोरेन प्रोफ़ेसर दीपिका कुमारी डॉ दिनेश कुमार मुर्मू प्रोफेसर आदित्य बेसरा सुधीर बास्के सिरिल हांसदा नुनका टुडू शनिचर बेसरा समेत आदिवासी समाज के कई प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष रूप से छात्र-छात्राओं में प्रदीप सोरेन मदन हेंब्रम उदय मुर्मू में रोहित हेंब्रम मीना मरांडी रीना मुर्मू समेत अन्य छात्रावास के विद्यार्थियों का सराहनीय योगदान रहा।