क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले समाज की कुप्रथाओं और अंधश्रद्धाओं को खत्म करने के लिए काम किया : – बी. डी. प्रसाद
क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले समाज की कुप्रथाओं और अंधश्रद्धाओं को खत्म करने के लिए काम किया : - बी. डी. प्रसाद
क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले समाज की कुप्रथाओं और अंधश्रद्धाओं को खत्म करने के लिए काम किया : – बी. डी. प्रसाद
पलामू से सौरभ कुमार की रिपोर्ट
पलामू /मेदिनीनगर: ओ.बी.सी. एकता अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद उर्फ बी. डी. प्रसाद ने आज प्रमंडलीय कार्यालय 02 न. टाउन , रेडमा में क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले के प्रतिमा माल्यार्पण के साथ द्वीप प्रज्वलित कर पुण्य तिथि को मनाया गया
ओबीसी एकता अधिकार केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद ने कहा कि क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता, न्याय और शिक्षा के अधिकार को बढ़ावा देना था। उन्होंने भारतीय समाज की संरचना को चुनौती दी, जहां जाति और वर्ग के आधार पर भेदभाव होता था। उन्होंने अपने जीवन को उन लोगों के उत्थान के लिए समर्पित किया, जिन्हें समाज ने लंबे समय तक दबी हुई आवाज़ों के रूप में देखा। वे समाज की कुप्रथा, अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। अपना सम्पूर्ण जीवन उन्होंने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने में, स्त्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया. 19 वी सदी में स्त्रियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी। वे महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से बचाना चाहते थे।उन्होंने ‘दलित’ शब्द का पहली बार इस्तेमाल किया था.
मौके पर गोकुल बसंत , गिरजानंद प्रसाद , बिहारी साव , दीपक गुप्ता भी मौजूद थे।