इस नाम के बच्चें होते हैं नसीब वाले
सोलह संस्कारों में से एक नामकरण संस्कार
संयुक्ता न्यूज डेस्क
भारतीय संस्कृति में बच्चे के पैदा होने के बाद उसका नामकरण संस्कार किया जाता है यह सोलह संस्कारों में से एक होता है. सभी माता पिता चाहते है की उनके बच्चे का नाम सबसे अलग और सुन्दर हो. सभी पेरेंट्स बच्चे के पैदा होने के पहले ही उसका नाम सोचने लगते है, बच्चा पैदा होने के बाद सभी परिवार वाले भी नाम खोजने में जुट जाते है। माना जाता है की बच्चे के नाम का बच्चे पर बहुत असर होता है. हिन्दू परिवारों में राशि से जो अक्षर निकलता है उसने अनुसार ही नाम रखा जाता है. चलिए जानते है कुछ ऐसी बातें जो बच्चे का नाम रखने के पहले ध्यान रखनी चाहिए.
लड़कियों के नाम
ये नाम कभी भी पुराने नहीं होंगे जैसे जानकी, सिया (सीया), वैदेही,मीशा (पूरी जिंदगी खुश रहने वाली, तारा, अवनि (पृथ्वी), धारिणी, सुरमई, मृगांका, धरिणी (पृथ्वी), सान्वी, सानवी (लक्ष्मी), शनाया (सूरज की पहली किरण), ईश्वर का संदेश), गार्गी (देवी दुर्गा), दृष्टि, तूलीका, संस्कृति.
लड़कों के नाम
लड़कों के लिए प्रभास (चमकदार),निहाल (खुश या सफल), आद्विक (सबसे अलग), एकांश (संपूर्ण). मृगांक (चांद) पार्थसारथी (कृष्ण), दर्श (दृष्टि), त्रिजल (शिव), रेदान या हृदान (जिसका दिल बहुत अच्छा हो), संस्कार, सम्यक, तुहिन (बर्फ), शाशा (चांद), मीत (दोस्त), पार्थ (अर्जुन), नाम हो सकते