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आजसू विधायक ने लिया फैसला, 20 फरवरी को JMM से देंगे इस्तीफा

हेमंत सरकार खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति पर करे पुनर्विचार

झारखंड में सत्ताधारी दल JMM के अंदर से ही बगावत के सुर फूटने लगे हैं। कभी हेमंत सोरेन के करीबी माने जाने वाले और AJSU सुप्रीमो सुदेश महतो को हराने वाले सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने अपने ही CM को अल्टीमेटम दिया है।सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पोस्ट लिखकर उन्होंने अपनी बातें रखी है। उन्होंने कहा कि अगर 1 महीने के अंदर हेमंत सरकार पुनर्विचार कर खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति नहीं बनाती है और बाह्य भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की सूची से नहीं हटाती है तो वे 20 फरवरी को JMM से इस्तीफा दे देंगे।

इतना ही नहीं उन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि JPSC और JSSC पूरे भारत के सबसे भ्रष्ट आयोग में शुमार है।

वहीं, BJP ने भी अमित महतो के बहाने पर निशाना साधने से कोई मौका नहीं चूकी। अमित महतो के पोस्ट को शेयर करते हुए BJP के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने लिखा है कि उन्हें अपना इस्तीफा तैयार रखना चाहिए। मौजूदा सरकार को झारखंडी और झारखंडी भावनाओं से कोई सरोकार नहीं है। मैनिफेस्टो में दिए वादे को भूल गई है। ट्रांसफर-पोस्टिंग चरम पर है। यहां तो मंत्रियों की भी नहीं सुनी जा रही है।

अमित महतो JMM के युवा और शिक्षित नेता माने जाते हैं। इन्होंने BIT मेसरा से इंजीनियरिंग की है। 2014 के BJP के लहर में भी सिल्ली में JMM से जीतने वाले उम्मीदवारों में थे। उन्होंने राज्य के उपमुख्यमंत्री व आजसू सुप्रीमो को अनके अजेय गढ़ में हराया था। अमित हेमंत सोरेन के करीबी भी माने जाते थे। हालांकि, एक केस में नाम आने के बाद 2018 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। 2018 के उपचुनाव में उनकी पत्नी एक बार फिर से सिल्ली से जीतने में कामयाब रही। 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी सुदेश महतो से चुनाव हार गईं।

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