आईसेक्ट विश्वविद्यालय में मनाया गया विश्व मृदा दिवस, किया गया जागरूक
खेतों की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए जैविक खेती ज़रूरी : डॉ मुनीष गोविंद
आईसेक्ट विश्वविद्यालय में मनाया गया विश्व मृदा दिवस, किया गया जागरूक
खेतों की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए जैविक खेती ज़रूरी : डॉ मुनीष गोविंद
मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए जागरुकता आवश्यक : डॉ पीके नायक
हजारीबाग:कुंवर यादव
हजारीबाग: मृदा प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पूरे विश्व में 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। हालांकि यह बेहद जरूरी भी है। विश्व की बढ़ती आबादी और लगातार मृदा प्रदूषण में बढ़ोत्तरी शुभ संकेत नहीं हैं। उक्त बातें आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने तरबा-खरबा स्थित आईसेक्ट विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस सभागार में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद कहा कि मृदा प्रदूषण से बचाव के लिए जैविक खेती की ओर रूख करना बेहतर कदम साबित हो सकता है, क्योंकि जहां जैविक खेती से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी, वहीं मिट्टी की सेहत पर भी इसका अनुकूल असर पड़ेगा।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, इज़राइल से प्रशिक्षित कृषक श्रीराम प्रसाद, कृषि विभाग डीन डॉ अरविंद कुमार के हाथों संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। हजारीबाग के सम्मानित किसान श्रीराम प्रसाद ने कृषि क्षेत्र में अपने अनुभव साझा करते हुए किसानों को खेती के नए तकनीक अपनाने की सलाह दी।
कृषि विभाग डीन डॉ अरविंद कुमार ने भी मृदा प्रदूषण को रोकने के कई अहम उपाय बताए। मौके पर सहायक प्राध्यापिका प्रिया कुमारी व युवा कृषक प्रवीण कुमार ने भी अपने अपने विचार रखे। मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. प्रभात किरण ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के सभी विद्यार्थी, शिक्षक व बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।