आईसेक्ट विश्वविद्यालय में भारतीय अंग दान दिवस पर विद्यार्थियों को किया गया जागरूक
अंग दान व इसके प्रति जागरूकता फैलाने को लेकर दिलाई गई शपथ
आईसेक्ट विश्वविद्यालय में भारतीय अंग दान दिवस पर विद्यार्थियों को किया गया जागरूक
अंग दान व इसके प्रति जागरूकता फैलाने को लेकर दिलाई गई शपथ
हजारीबाग: आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के तरबा-खरबा स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस सभागार में विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत गुरुवार 03 अगस्त को भारतीय अंग दान दिवस पर अंग दान महोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने कहा कि अंग दान महादान है लेकिन इसके लिए व्यापक पैमाने पर जागरूकता की आवश्यकता है। वहीं कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि अंग दान एक ऐसा दान है, जो कई लोगों के जीने की वजह दे सकता है। हालांकि उन्होंने बताया कि इस ओर लोगों में जरूर जागरूकता की कमी है, जिसे दूर किये जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अंगदान के दो रूप हैं। जीवित दान उन दाताओं के साथ किया जाता है, जो जीवित है और किडनी, लीवर का एक हिस्सा जैसे अंग दान कर सकता है। वहीं अंग दान का दूसरा रूप शवदान है। इस प्रक्रिया में दानदाता के मृत्यु के बाद, उसके स्वस्थ अंगों को जीवित व्यक्ति के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के एनएसएस अधिकारी डॉ रूद्र नारायण व डॉ प्रीति व्यास ने अंग दान करने और इसके लिए लोगों को जागरूक करने को लेकर सभागार में मौजूद सभी को शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में डॉ अरविंद कुमार, डॉ रोजीकांत, एसएनके उपाध्याय व अन्य के साथ साथ विद्यार्थियों में जीतू कुमार, नीरज कुमार, राजन कुमार, संध्या, मनीषा यादव, अमित कुमार वर्मा, विनिता पांडेय, विकास, विवेक, किशोर, विक्रांत, प्रियंका, निशा समेत कई विद्यार्थियों के नाम शामिल हैं।