आईलेक्स पब्लिक स्कूल में मनाई गई गाँधी जयंती
आईलेक्स पब्लिक स्कूल में मनाई गई गाँधी जयंती
आईलेक्स पब्लिक स्कूल में मनाई गई गाँधी जयंती
बरही:शोएब अख्तर
हजारीबाग/बरही : गांधी जयंती के शुभ अवसर पर आईलेक्स पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य शैलेश कुमार ने गांधी जी को याद करते हुए बच्चों को यह बताया कि किस प्रकार गांधी जी ने हिंसा के राह को छोड़कर अहिंसा के राह को अपनाया और भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई । प्राचार्य ने यह भी कहा कि यदि हम चाहे तो बिना हिंसा के भी हम अपने राह को सफल बना सकते हैं गांधी जी के द्वारा किए गए मुख्य कार्य तथा भारत में उनकी भूमिका को बताते हुए प्राचार्य ने कहा कि गांधीजी एक ऐसे महान व्यक्ति थे जिनके जैसे बनने के लिए व्यक्ति को अत्यधिक मेहनत तथा लगन करने की आवश्यकता है ।
प्रधानाचार्य ने बच्चों का गांधी जी के उच्च विचारों को अपनाने और उनके राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित किए तथा गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बारे में जानकारी दी अहिंसा के पुजारी और राष्ट्रपिता कहलाने वाले महात्मा गांधी जी को बापू के नाम से भी जाना जाता है महात्मा गांधी जी का जन्म शुक्रवार 2 अक्टूबर 1869 को एक साधारण परिवार में गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है इनके पिता का नाम करमचंद गांधी व इनकी माता का नाम पुतलीबाई था इनकी माता एक धार्मिक महिला थी नियमित और नियमित तौर पर उपवास रखती थी गांधी जी का पालन पोषण वैष्णो मत में विश्वास रखने वाले परिवार में हुआ था जैन धर्म का महात्मा गांधी जी पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा जिस वजह से अहिंसा सत्य जैसे व्यवहार स्वाभाविक रूप से गांधी जी मैं बचपन से ही पनपने लगे थे वह अपने माता-पिता के सबसे छोटे संतान थे उनके दो भाई और एक बहन थी गांधी जी के पिता हिंदू तथा मोर बनिया जाति के थे लोग गांधी जी को प्यार से बापू कहते थे गुजराती उनकी मातृभाषा थी साधारण जीवन उच्च विचार वाले बाबू जी ने अंग्रेजी हुकूमत से अंतिम सांस तक संसद की राह में चलते हुए संघर्ष किया भारत छोड़ो आंदोलन असहयोग आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन में हर तबके के लोगों को अपने साथ जोड़ कर भारत को आजादी दिलाने में गांधीजी ने अहम योगदान दिया।
राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत तथा गांधीजी के प्रति अत्यधिक प्रेम को प्रकट करते हुए बच्चों ने गांधी जी का आकर्षक चित्र तथा मनमोहक भाषण घर बैठे भी प्रस्तुत किए। इन बच्चों ने भी साबित कर दिए है कि उनके दिलों में भी राष्ट्रीय भावना कूट-कूट के भरे हुई है। इस कार्यक्रम में विद्यालय के लगभग सभी बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिये है जिसमें से पायल , सुमन , परी ,अंजलि, सौरभ, श्रवण, खुशी, सुधा, गौतम, अंश, प्रियांशु , विशाल , धीरज, सदाफ असलम, शैली, जिया, संध्या, अमन, पल्लवी, रागिनी, शालिनी, रिहान राज, अलीफा , विद्या, शिव इत्यादि।