सरकार द्वारा पारित गाइडलाइन का पालन करते हुए सादगी के साथ मुहर्रम मनाने का निर्णय लिया गया
बरही संवाददाता
बरही :- मुस्लिम धर्मावलंबियों में मोहर्रम का चांद दिखते ही नया साल का आगाज हो जाता है इसे मोहर्रम का महीना भी कहा जाता है। इसमें मुस्लिम धर्मावलंबी के लोग इमाम हसन- हुसैन एवं उनके परिवार की कुर्बानियों को याद करते हुए, जिन्होंने बुराई की खात्मा के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। उनकी याद में इमामबाड़ा को सजाया जाता है, फातिहा खानी किया जाता है एवं ताजियादारी की जाती है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना महामारी के कारण यह पर्व फीकी नजर आ रही है। कोरोना काल के पहले जो धूमधाम देखी जाती थी वह धूमधाम सिमट सा गया है। सरकार कोरोना महामारी में गाइडलाइन जारी कर सभी त्योहारों को शांति के साथ घरों में मनाने का आदेश दिया है। इसी क्रम में बरही के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग कमेटी के लोगों ने मुहर्रम को सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए शांति एवं सादगी के साथ घरों में रहकर मनाने का निर्णय लिया है। शाकरी मोहल्ला कमेटी के नकीब- ए – आला मोहम्मद मंसूर अली एवं मोहम्मद मुस्ताक ने कहा कि हम सभी लोगों ने निर्णय लिया कि सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए त्योहार को सुरक्षित ढंग से मनाएंगे। वही बरसोत अंजुमन कमेटी के सक्रिय सदस्य मोहम्मद इमरान खान ने कहा कि हमारी कमेटी के सदस्यों ने घरों में रहकर शांतिपूर्ण तरीके से सहयोगात्मक रूप से मुहर्रम मनाने का निर्णय लिया है। मौके पर बरही शाकरी मोहल्ला कमेटी के सदर रियाजुल हक, सेक्रेटरी मोहम्मद शोएब अख्तर, नकीब- ए – आला मनसूर अली, मुस्ताक रब्बानी इत्यादि लोग मौजूद थे