यक्ष्मा उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन एवं सफलता को लेकर कार्यशाला का आयोजन।
घर-घर जाकर यक्ष्मा रोगियों की होगी पहचान, दी जायेंगी मुफ्त दवाएँ

झारखंड: हजारीबाग उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद के निर्देश पर राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सक्रिय यक्ष्मा रोगियों की पहचान करने के उद्देश्य से प्रस्तावित अभियान की सफलता के लिए सदर अस्पताल स्थित सभागार में मंगलवार को उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ एस पी सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग यक्ष्मा उन्मूलन व संक्रमित व्यक्ति के समुचित ईलाज के लिए कृतसंकल्पित है। इस अभियान में संदिग्ध या संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उपचार शुरू करना, संक्रमण को न्यूनतम स्तर पर ले जाना, समुदाय को जागरूक करना प्राथमिक उद्देश्य है। दिनांक 02 सितंबर से 01 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर सक्रिय यक्ष्मा रोगियों की पहचान करेंगे। उन्होंने कहा यक्ष्मा लाइलाज बीमारी नहीं है, परन्तु इस बीमारी का सही ढंग से ईलाज नहीं करने पर जानलेवा साबित हो सकता है इसलिए रोगियों को नियमितरूप से दवा का सेवन एवं जाँच कराते रहना चाहिए। उन्होंने यक्ष्मा उन्मूलन मंे सामाजिक सहभागिता पर बल देते हुए अपील की कि समाज के तरफ से मरीजोें को हेय दृष्टि से न देखा जाय एवं उन्हें ईलाज लेने के लिए उत्प्रेरित किया जाय, इससे समाज के सहयोग की आवश्यकता है।
इस अवसर पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 60 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सहिया, वोलेंटियर ज़िला की लगभग 21 लाख जनसंख्या के न्यूनतम आधी आबादी को घर घर जाकर यक्ष्मा के सामान्य लक्षणों जैसे दो या दो सप्ताह से अधिक समय से खाँसी, लम्बे समय से बुखार, रात में पसीना आना, वज़न कम होना आदि को पहचान करने का कार्य किया जाएगा। संदिग्ध मरीज़ो या लक्षणों के आधार पर सैंपल संग्रहण व जाँच सहित समुचित ईलाज, मुफ्त दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के यक्ष्मा इकाई के द्वारा किया जाएगा। साथ ही रोगियों के उपचार के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह सहायता लाभुक को दिए जाने का प्रावधान है। अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मी की टीम को लगाया गया है। साथ ही इनके कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्तर पर मॉनिटरिंग टीम माईक्रो पलन के तहत पर्यवेक्षण का कार्य करेगी।
कार्यशाला में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, जिला आरसीएच पदाधिकारी, जिला मेलेरिया पदाधिकारी, जिला कुष्ठ पदाधिकारी, अधीक्षक एसबीएमसीएच एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं आयुष चिकित्सक आदि मौजूद थे।