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प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिन के उपलक्ष्य में रंग रंग कार्यक्रम,लोगो ने एक दुसरे को दी बधाई।

प्रभु ईसा मसीह के जीवन पर डाला प्रकाश ,

धनबाद/निरसा:- प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिन के उपलक्ष्य में निरसा के लोयला स्कूल में बच्चों द्वारा रंगा-रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया बच्चों ने इस दिन को खास बनाने में कोई कसर छोड़ना नही चाहते थे,एक से बढ़कर बाल कलाकारों ने प्रभु के जन्मदिन के उपलक्ष्य में नृत्य,संगीत एवं ड्रामा प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया तथा प्रभु ईसा मसीह के जीवन पर प्रकाश डालते हो उनके विचारों एवं संदेशो को जन जन तक पहुचाया।

इतिहासों में उल्लेख हैं 25 दिसंबर को ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्म हुआ था. क्रिसमस शब्द का जन्म क्राईस्टेस माइसे अथवा ‘क्राइस्टस् मास’ शब्द से हुआ है. ऐसा अनुमान है कि पहला क्रिसमस रोम शहर में 336 ईस्वी में मनाया गया था. यह प्रभु के पुत्र जीजस क्राइस्ट के जन्मदिन को याद करने के लिए पूरे विश्व में 25 दिसम्बर को मनाया जाता है.यह ईसाइयों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. लेकिन अब इसे दुनियाभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

पौराणिक कथा
प्रभु ने मैरी नामक एक कुंवारी लड़की के पास गैब्रियल नामक देवदूत भेजा. गैब्रियल ने मैरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र को जन्म देगी तथा बच्चे का नाम जीजस रखा जाएगा. वह बड़ा होकर राजा बनेगा, तथा उसके राज्य की कोई सीमाएं नहीं होंगी. देवदूत गैब्रियल, जोसफ के पास भी गया और उसे बताया कि मैरी एक बच्चे को जन्म देगी. गैब्रियल ने जोसफ को सलाह दी कि वह मैरी की देखभाल करे और उसका परित्याग न करे. जिस रात को जीजस का जन्म हुआ, उस समय लागू नियमों के अनुसार अपने नाम पंजीकृत कराने के लिए मैरी और जोसफ बेथलेहेम जाने के लिए रास्ते में थे. उन्होंने एक गौशाला में शरण ली, जहां मैरी ने आधी रात को जीजस को जन्म दिया. इस प्रकार प्रभु के पुत्र जीजस का जन्म हुआ।

संदेश
क्रिसमस शांति का संदेश लाता है. पवित्र शास्त्र में ईसा को ‘शांति का राजकुमार’ नाम से पुकारा गया है। ईसा हमेशा अभिवादन के रूप में कहते थे ‘शांति तुम्हारे साथ हो.शांति के बिना किसी भी धर्म का अस्तित्व संभव नहीं है. घृणा, संघर्ष, हिंसा एवं युद्ध आदि का धर्म के अंतर्गत कोई स्थान नहीं है. शायद यही वजह है कि क्रिसमस का त्योहार किसी एक देश या राष्ट्र में नहीं बल्कि दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है।

कार्यक्रम
क्रिसमस के दौरान प्रभु की प्रशंसा में लोग कैरल गाते हैं. वे प्यार व भाईचारे का संदेश देते हुए घर-घर जाते हैं. क्रिसमस ट्री अपने वैभव के लिए पूरे विश्व में लोकप्रिय है. इस दिन लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री से सजाते हैं तथा घर के हर एक कोने को रौशन कर देते हैं। सुबह चर्च में होने वाली प्रार्थना के बाद, लोग मित्रवत् रूप से एक दूसरे के घर जाते हैं तथा दावत करते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं और उपहार देते हैं।

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