डीवीसी की बकाया राशि भुगतान नहीं होने से बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठप , धनबाद सहित सात जिलों में बिजली व्यवस्था चरमराई।
डीवीसी की बकाया राशि भुगतान नहीं होने से बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठप , धनबाद सहित सात जिलों में बिजली व्यवस्था चरमराई।
डीवीसी की बकाया राशि भुगतान नहीं होने से बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठप , धनबाद सहित सात जिलों में बिजली व्यवस्था चरमराई।
निरसा: दामोदर घाटी कॉर्पोरेशन(डीवीसी) जिले में बिजली की आपूर्ति करती है. इसके साथ साथ आसपास के छह जिलों में भी बिजली की आपूर्ति DVC करती है. लेकिन बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है. सिर्फ धनबाद जिले में 600 मेगावाट बिजली की मांग है, जिसमें 250 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है. वहीं डीवीसी के आपूर्ति क्षेत्र में 600 मेगावट बिजली के बदले मात्र 300 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है. इससे सात जिलों में बिजली व्यवस्था चरमरा गई है और ब्लैकआउट की स्थिति बन गई है. स्थिति यह है कि 24 घंटे में सिर्फ 7 से 8 घंटे लोगों को बिजली मिल रही है।
बिजली की समस्या से जनता परेशान
जनप्रतिनिधियों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपजिले में बिजली आपूर्ति बाधित होने से पेयजल, शिक्षा व्यवस्था, व्यवसाय और खेती पर गहरा असर पड़ने लगा है. इससे इन जिलों के लोग काफी परेशान हैं. आम लोगों की परेशानी को देखते हुए जनप्रतिनिधि भी सदन में सरकार के समक्ष सवाल उठा रहे हैं।
ढिबरी में रहने को मजबूर हैं
लोग मूलभूत सुविधाओं में से एक है बिजली. बिजली व्यवस्था बाधित होती है तो जनजीवन भी प्रभावित होने लगता है. इन दिनों DVC के आपूर्ति क्षेत्र धनबाद हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, और बोकारो में ब्लैकआउट की स्थिति बनती जा रही है. स्थिति यह है कि संपन्न लोग जेनरेटर का उपयोग करने लगे हैं. वहीं गरीब लोग लालटेन और ढिबरी में रहने को मजबूर हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि बिजली आपूर्ति बाधित होने से ना बच्चे घर में पढ़ पा रहे हैं और ना ही हम लोग व्यवसाय कर पा रहे हैं. इसके साथ ही कभी-कभी पीने के पानी की समस्या भी गंभीर बन रही है।
विधानसभा में भी उठा सवाल
बिजली की समस्या झारखंड विधानसभा में भी उठी है. जनप्रतिनिधियों ने तख्ता लेकर सदन के बाहर जमकर हंगामा किया और सरकार से जवाब की मांग की. सदन में निरसा विधायक विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने बिजली की समस्या को उठाते हुए कहा कि हमारा जिला अब ढिबरी युग में चला गया है. प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी तो 22 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही थी. लेकिन अब सिर्फ 7 घंटे बिजली मिल रही है।
व्यवसाय हो रहा ठप कई उद्योग संचालित किए जा रहे हैं. बिजली आपूर्ति बाधित होने से बड़ी मात्रा में डीजल उपयोग करना पड़ रहा है. इससे उद्योग धंधे बंद होने की कगार पर पहुंच गये हैं।
दो हजार करोड़ बकाया
डीवीसी का 2000 करोड़ से अधिक का बकाया झारखंड सरकार पर हो गया है. जब तक राज्य सरकार बकाये राशि का भुगतान नहीं करती है, तब तक डीवीसी बिजली उपलब्ध कराने में असमर्थ है।