Breaking News

झारखंड से बाहर के राज्यों में फंसे लोगों का सरकार के द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी की गई थी और नोडल ऑफिसर को नियुक्त किया गया था यह प्रयास फैल दिख रहा है सिर्फ सोशल मीडिया पर एक लिखित पेपर चमक रही है धरातल पर शून्य है।

बाहर के राज्यों में फंसे लोगों के राहत हेतु हेमंत सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर और नोडल अफसर महज एक मजाक बनकर रह गया- सदर विधायक

झारखंड से बाहर के राज्यों में फंसे लोगों हेतु हेमंत सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर और नोडल अफसर नियुक्ति एक मजाक बन कर रह गया है। हेल्पलाइन नंबर लगता नहीं और अफसर कई रिंग पर भी कॉल उठाते नहीं। कोई नामलेवा नहीं है। उक्त बातें सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कही।

उन्होंने कहा की हमने हज़ारों लोगों को ये नंबर दिए, सभी ने यही बताया कि या तो फोन नहीं लग रहा या तो कोई उठा नहीं रहा। स्थिति लगातार बेहद संवेदनशील बनी हुई है। लोगों के पास साधन संसाधन सब खत्म हो चुके हैं। जहां तक हो पा रहा है मैंने झारखंड के अंदर के लोगों की मदद कर रहा हूं परंतु लॉक डाउन व झारखंड के बॉर्डर बंद होने से बाहर फंसे लोगों की मदद करने में काफी कठिनाई हो रही है ।विधायक श्री जायसवाल ने बताया की सरकार के हेल्पलाइन नंबर व अधिकारी नियुक्ति से लोगों में आस जगी थी। हमारे पास लोगों के पूरे लिस्ट हैं जो बाहर फंसे हैं। मगर सिस्टम पूरी तरह से फ़ेल है। मुख्यमंत्री जनसंवाद का जो नंबर जारी हुआ है, उन सभी पर हमने खुद कॉल लगाया। कॉल लगते ही वेटिंग में डाल दिया गया और फिर 7 से 8 मिनट के बाद कॉल स्वत: कट गया।उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से सोशल मीडिया के जरिए निवेदन करते हुए कहा की त्वरित कुछ निर्णायक करें, हज़ारों झारखंडी जिंदगियों का सवाल है। रेलवे से समन्वय बैठाकर अपने लोगों को झारखंड लाया जाए और अगर ये संभव नही है तो जो जहां है उसे वही साधन-संसाधन मुहैया कराया जाए। और अगर मदद नहीं कर सकती है सरकार तो इन हेल्पलाइन नंबरों के जारी करने और नोडल अफसर नियुक्ति का स्वांग तत्काल बंद कर दें ।

Related Articles

Back to top button