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झारखंड राज्‍य मे कल से मिलेगी 10 रुपये में धोती, साड़ी और लुंगी… कल से शुरू हो रही महत्‍वाकांक्षी योजना l

रांची

रांची: झारखंड राज्य में सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को सिर्फ 10 रुपये में धोती, साड़ी व लुंगी देगी। सोना-सोबरन योजना के तहत इस कल्याणकारी योजना को धरातल पर उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 22 सितंबर को दुमका से इसकी शुरुआत करेंगे। इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को एक साड़ी और एक लुंगी अथवा धोती प्रदान की जाएगी।

योजना का लाभ 57.10 लाख बीपीएल परिवार उठा सकेंगे। गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों को साल में दो बार अनुदानित मूल्य 10 रुपये में कपड़े प्रदान किए जाएंगे। सोना सोबरन धोती साड़ी योजना पहली बार 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरंभ की थी। रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे बंद कर दिया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने घोषणापत्र में सोना सोबरन धोती साड़ी योजना को फिर से प्रारंभ करने का वादा किया था।
योजना के अंतर्गत वितरित की जाने वाली साड़ी और धोती पीडीएस दुकानों के माध्यम से बांटी जाएगी। योजना का लाभ सिर्फ झारखंड के निवासियों को ही मिलेगा। इसके लिए मूल निवासी पत्र, गरीबी रेखा कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड आवश्यक है।

ग्रामीणों से आस, मनरेगा से विकास अभियान कल होगा लांच

मनरेगा की सुस्त गति को रफ्तार देने के लिए ग्रामीण विकास विभाग का विशेष अभियान ‘ग्रामीणों से आस, मनरेगा के विकास’ 22 सितंबर को लांच किया जाएगा। 15 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत 150 प्रखंडों में मनरेगा से जुड़े कार्यों पर फोकस किया जाएगा। इसके तहत संबंधित प्रखंडों की प्रत्येक पंचायत में कम से कम 5000 दिवस मानव कार्य दिवस का लक्ष्य रखा गया है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम इस योजना को लांच करेंगे। लगभग तीन माह तक चलने वाले अभियान के तहत पंचायत स्तर पर श्रमिकों से समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें सौ दिन का रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा। ग्राम पंचायत व क्लस्टर स्तर पर रोजगार दिवस का नियमित तौर पर आयोजन होगा, जिसमें रोजगार सेवक और पंचायत सचिव जॉब कार्ड के आवेदन फार्म के साथ उपस्थिति रहेंगे। योजनाओं की ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों तरीके से मॉनीटरिंग की जाएगी। पूरी कार्य योजना को जमीनी स्तर पर मूर्त रूप देने के लिए हर जिले व प्रखंड में कार्यशाला का आयोजन होगा और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

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