चाहरदीवारी के आभाव में चारगाह बनता विद्यालय —-
गंदगी का अंबार दुर्गंध में शिक्षा ग्रहण करते हैं बच्चे ----
आवाज उठाने के बाबजूद कोई नहीं ली सुध —-
संवाददाता बरकट्ठा :- प्रखंड के दक्षिणी पंचायत अंतर्गत राजकीय कन्या मध्य विद्यालय बरकट्ठा चाहरदिवारी के आभाव में पशुओं का चारगाह बन गया है। परिसर खुले रहने के कारण गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गंदगी के दुर्गंध में जहां शिक्षक अपने डियूटी निभाते हैं। वहीं बच्चे भी दुषित वातावरण में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। वर्ग पहला से लेकर आठवीं कक्षा तक के इस विद्यालय में कुल 537 बच्चे अध्यनरत हैं। जिनको शिक्षा देने के लिए नौ पारा शिक्षक और पांच सरकारी शिक्षक नियुक्त हैं।
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक —
प्रधानाध्यापक महेश चौधरी के अनुसार आम गैरमजरूआ भूमि में बना विद्यालय की स्थापना 1965 में हुई थी। इस विद्यालय से अनेक होनहार छात्र बने लेकिन आवाज उठाने के बाबजूद विद्यालय को आजतक चाहरदीवारी नसीब नहीं हुआ। जिसके कारण विद्यालय पशुओं का रैन बसेरा बन गया है। कुछ लोग तो विद्यालय के पुराने भवन को भी हथियाने में लगे हैं। पुराने भवन को लोग मचान बना दिया है। विद्यालय परिसर में लोग शौच कर देते हैं। प्रतिदिन बमुश्किल साफ सफाई के बाद विद्यालय में पढाई शुरू की जाती है।
पारा शिक्षक सहदेव नायक के मुताबिक विद्यालय परिसर खुला रहने के कारण कुछ लोग विद्यालय के भुमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं। साथ ही खड्ढे खोदकर गोबर खाद बना दिया है। जिसकी दुर्गंध से विद्यालय की वातावरण दुषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर विद्यालय में चाहरदीवारी का निर्माण हो जाता है। तो इन सभी समस्याओं से निजात मिल सकती है।