गरीबों के लिए भारी पड़ती है सर्दी की रातें, ठंड से बचाव के लिए देख रहे किसी मसीहा की राह……
गरीबों के लिए भारी पड़ती है सर्दी की रातें, ठंड से बचाव के लिए देख रहे किसी मसीहा की राह......
गरीबों के लिए भारी पड़ती है सर्दी की रातें, ठंड से बचाव के लिए देख रहे किसी मसीहा की राह……
कटकमसांडी : प्रखंड कटकमसांडी के कुछ ऐसे गरीबों की सर्दी की रातें बहुत भारी पड़ती हैं। उन्हें तलाश रहती है किसी ऐसे मसीहा की जो आकर उनको ठंड से बचा सके। ठिठुरते हुई रात न गुजारनी पड़े। बहुत से गरीब इन सर्दी की रातों में खुले आसमान के नीचे कांपते रहते हैं। हालांकि ऐसे कई लोग हैं, जो गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और गर्म कपड़े, कंबल आदि का वितरण कर लोगों को मानव सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। गरीबों के लिए सर्दी का मौसम काफी कष्टप्रद रहता है।
गर्मी में तो काम चल जाता है, कहीं भी पड़े रहो इतनी दिक्कत नहीं होती लेकिन सर्दी में उनके लिए भारी मुसीबत होती है। जब कड़ाके की ठंड में बिना कपड़ों के उनको रातें गुजारनी पड़ती हैं। ठिठुरते हुए वह रात किसी तरह से रात व्यतीत करते हैं। हालांकि दिन में भी उनको परेशानी होती है, लेकिन धूप निकलने पर कुछ राहत मिल जाती है। इस स्थिति में गरीब लोग किसी ऐसे मसीहा की राह देखते हैं जो उनको गर्म कपड़े और कंबल आदि का वितरण करे। समाज में कई लोग ऐसे हैं जो गरीबों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मदद के लिए आगे भी आते हैं। ठंड से परेशान लोग अपने शरीर में गर्माहट लाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहे हैं । विशेष तौर पर गरीब परिवार के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। हालांकि प्रशासन के द्वारा अभी तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है, और ना ही कहीं गरीबों के बीच कंबल वितरण किया जा रहा है । गरीब, किसान व मजदूर वर्ग के लोग विशेष रूप से ठंड से परेशान हो जाता हैं। कपड़े व अन्य आवश्यक संसाधनों के अभाव में उन्हें जाड़े का यह मौसम गुजारना काफी कठिन साबित होता है । ठंड के मौसम में गरीबों को मात्र अलाव का सहारा ही होता है । जिसके सहारे वे किसी प्रकार रात गुजार लेते हैं । वहीं स्थानीय ग्रामीणों एवं व्यवसायियों ने प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए जल्द ही चौक-चौराहों एवं गरीब बस्तियों में अलाव की व्यवस्था करने तथा गरीब व मजदूरों के बीच कंबल का वितरण प्रारंभ करने की मांग की है । क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों के द्वारा कहना है कि गांव में अभी तक मुखिया के द्वारा एवं वार्ड सदस्य के द्वारा एक भी कंबल का वितरण नहीं किया गया और गरीब गुरबा के लोग कंबल के आस में ठंड के रात झेल रहे हैं।