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एनएसएस एवं यूनिसेफ ने आयोजित किया आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय वेबिनार

वज्रपात के पूर्व सिग्नल देता है दामिनी एप : कर्नल संजय

हजारीबाग :27 अगस्त : आपदाओं से बचने के लिए सुरक्षा की जरूरत होती है। कोविड-19 महामारी ,वज्रपात, आंधी- तूफान एवं बाढ़ जैसी आपदाओं के पूर्व जागरूकता के प्रति एनएसएस के स्वयंसेवकों की भूमिका सराहनीय रही है। वज्रपात से बचने के लिए घर में तड़ीत संचालक निश्चित रूप से लगानी चाहिए जो बिजली को भूमि में लेकर चली जाती है। उक्त बातें एनएसएस एवं यूनिसेफ के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय वेबिनार को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि संयुक्त झारखंड एवं बिहार के एनएसएस क्षेत्रीय निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष परांजपे ने कही। उन्होंने कहा कि आपदाओं से सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लाभप्रद होगा। झारखंड राज्य के राज्य एनएसएस पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण कर आपदाओं से बचा जा सकता है। आपदाओं के प्रति जागरूकता में एनएसएस की भूमिका सराहनीय रही है। आकाशीय बिजली ज्यादातर भवनों पर गिरती है,इसलिए भवनों के ऊपर तड़ीत संचालक निश्चित रूप से लगाना जरूरी है। रांची विश्वविद्यालय ने आपदा प्रबंधन की पढ़ाई संचालित की जाएगी। वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता क्लाइमेट रेसिलियंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से वज्रपात की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वज्रपात से सुरक्षा मानक को हमेशा पालन करनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन के कारण वज्रपात की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। बादलों के आपस में टकराने से आकाशीय बिजली उत्पन्न होती है, जो पृथ्वी पर गिरकर भयावह रूप धारण करती है। दामिनी एप वज्रपात के पूर्व सिग्नल देता है, इससे वज्रपात के पूर्व सुरक्षा बरती जा सकती है। आकाशीय बिजली चमकने के बाद वज्रपात एवं ध्वनि सुनाई देता है, इसलिए संबंधित स्थल पर आकाशीय बिजली दिखते ही हट जाना चाहिए। वेबिनार में एनडीआरएफ 9 बटालियन बिहार के इंस्पेक्टर नितेश कुमार ने कहा कि आपदाओं में बचाव एवं सुरक्षा दिलाता है एनडीआरएफ की टीम। एनडीआरएफ की टीम मुख्य रूप से तीन सुरक्षा मानकों पर ध्यान देती है, जिसके तहत पहला आपदा पूर्व दूसरा आपदा के समय तथा तीसरा आपदा के बाद की घटनाओं पर कार्य करती है। इसमें एनएसएस के स्वयंसेवकों की भूमिका रहती है।उन्होंने बाढ़ी से बचने तथा बाढ़ी से प्रभावित एवं बाढ़ी में डूबे व्यक्ति के प्राथमिक उपचार की जानकारी दी। वेबिनार के अंत में प्रश्नोत्तरी सत्र में प्रतिभागियों ने सवाल किए जिसका जवाब कर्नल संजय एवं इंस्पेक्टर नितेश कुमार ने दिया। प्रोग्राम ऑफिसर बीएन सिंह के बाढ़ में किसी वस्तु के उत्पलावन एवं गुरूत्वाकेन्द्र पर उठाये सवाल का जवाब इंस्पेक्टर नितेश कुमार ने दिया। वेबिनार का संचालन डाॅ फैज ने एवं धन्यवाद ज्ञापन एसएनओ डाॅ ब्रजेश कुमार ने किया। इस वेबिनार में यूनिसेफ के कम्युनिकेशन ऑफिसर आस्था अलंग ,डॉ प्रियंका सिंह,श्रीनिवास मूर्ति, डॉ श्यामला, एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर स्वयंसेवक समेत सौ से अधिक प्रतिभागीगण उपस्थित थे।

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