एचजेडबी आरोग्यम ने पेश किया मिशाल,लिवर की हाइडैटिड बीमारी का हुआ सफल ऑपरेशन।
मरीज ने कराया था राजधानी रांची के विभिन्न अस्पतालों में इलाज, नहीं हुआ सफल,आरोग्यम अस्पताल ने कर दिखलाया।
एचजेडबी आरोग्यम ने पेश किया मिशाल,लिवर की हाइडैटिड बीमारी का हुआ सफल ऑपरेशन।
मरीज ने कराया था राजधानी रांची के विभिन्न अस्पतालों में इलाज, नहीं हुआ सफल,आरोग्यम अस्पताल ने कर दिखलाया।
अस्पताल में पहुंचे मरीज हमारे लिए देवतुल्य है :– हर्ष अजमेरा।
हजारीबाग: जिले का सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक एचजेडबी आरोग्यम जनता जनार्दन की सेवा में लगातार तत्पर नजर आ रहा है अस्पताल ने फिर से एक उदाहरण पेश किया है कि किसी भी जटिल सर्जिकल मामले के लिए शहर वासियों को अन्य शहर में जाने या जाने के बारे में सोचने की कोई ज़रूरत नहीं है,आरोग्यम अस्पताल हमेशा उनके समर्थन और देखभाल में मरीजों के परिवार के साथ रहता है इसी क्रम मे अस्पताल के लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. बी.एन. प्रसाद द्वारा लिवर की हाइडैटिड बीमारी का सफल ऑपरेशन किया गया। मरीज द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार उसने कई डॉक्टरों और राजधानी स्थित कई अस्पतालों से इलाज कराया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली और गंभीर दर्द के साथ आरोग्यम अस्पताल पहुंचा सही एवं सफल निदान के साथ मरीज को सही एवं सफल उपचार दिया गया।
अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा की अस्पताल में पहुंचे मरीज हमारे लिए देवतुल्य है, रांची तथा विभिन्न जगहों पर इलाज के दौरान सफल न होने पर आरोग्यम अस्पताल में बेहतर इलाज इलाज कर उनका लिवर की हाइडैटिडऑपरेशन किया गया आरोग्यम परिवार उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता है। साथ ही कहा की
आरोग्यम अस्पताल अपने लोगों का इलाज करने और उन्हें सर्वोत्तम देखभाल देने तथा समग्र रूप से समाज पर बीमारी का बोझ कम करने के अपने इस प्रयास को हमेशा जारी रखेगा।
संबंधित चिकित्सक डॉ. बी.एन. प्रसाद ने बताया कि हाइडैटिड रोग (एचडी), एक सामान्य परजीवी रोग है जो इचिनोकोकस ग्रैनुलोसस के लार्वा चरण के कारण होता है, और इसमें प्रस्तुति के विभिन्न तरीके होते हैं। मनुष्यों में, हाइडैटिड रोग में लगभग 75% मामलों में यकृत, 15% में फेफड़े और 10% में अन्य शारीरिक स्थान शामिल होते हैं। एक व्यक्ति जो संक्रमित कुत्ते के मल या संक्रमित भोजन के संपर्क में आता है अर्थात, जब टेपवर्म के अंडे मल में चले जाते हैं) तो उसे हाइडैटिड रोग हो सकता है। यह गंभीर और संभावित रूप से घातक है। टेपवर्म के अंडों के संक्रमण से लीवर और फेफड़ों जैसे महत्वपूर्ण अंगों में सिस्ट बन जाते हैं।