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अब तक हजारों लोगों की सहायता कर चुके हैं उद्योगपति और समाजसेवी रमेश कुमार शर्मा .

पटना संवददाता: अनूप नारायण सिंह

बिहार : बिहार के मूल निवासी एनआरआई व्यवसाई रमेश कुमार शर्मा ने कोरोना संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए एक अनूठी पहल की है जिसका सीधा फायदा पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के गरीब लाचार लोगों को मिल रहा है.पटना जिले के नौबतपुर थाना अंतर्गत कोपा कला गांव निवासी रमेश कुमार शर्मा ने नौबतपुर लाख निसरपुरा शहर रामपुर पिपलावा मसौढ़ी पालीगंज अरवाल मसोढा दुल्हिन बाजार कन्पा पतूत लई दानापुर सगुना मोर नेउरा खगौल फुलवारीशरीफ जानीपुर बभनपूरा महंगूपुर पुनपुन इलाके के सैकड़ों लोगों की मदद की है. उनकी टीम के तरफ से एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है जो है 9869466399. इस नंबर पर कॉल करने के बाद पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाके के गरीब लोगों के दवाओं का खर्च आर के शर्मा द्वारा वाहन किया जा रहा है उन्होंने काफी अच्छी तकनीक विकसित की है कि अगर कोई लाचार व्यक्ति दवा खरीदने दवा दुकान पर जाता है और उसके पास पैसा नहीं है तो दवा दुकानदार उनके द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर उस मरीज का डिटेल और उसका बिल पर्ची भेजता है तो तुरंत उनके टीम के द्वारा भुगतान कर दिया जाता है जिससे फर्जीवाड़े की भी आशंका नहीं होती.

पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके तथा अपने हलफनामा में देश मे सबसे ज्यादा संपत्ति का ब्यौरा देने वाले उम्मीदवार रहे उद्योगपति रमेश कुमार शर्मा बिहार के एक चर्चित आईपीएस अधिकारी के जीवन पर वसुंधरा जैसी हिंदी फिल्म बनाकर चर्चा में पहले ही आ चुके हैं ने कोरोना के कहर के बीच पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए एक अनूठी पहल की है . उन्होंने क्षेत्र के सभी दवा दुकानदारों से अपील की है कि संकट की इस घड़ी में अगर कोई व्यक्ति पैसे के अभाव में दवा नहीं खरीद पाता तो आप उन्हें तुरंत दवा दीजिए और हाथों हाथ मेरे द्वारा दिए नंबर पर फोन कीजिए.आपको ऑनलाइन पेमेंट हमारी तरफ से किया जाएगा. यह सुविधा दानापुर, सगुनामोड़, फुलवारीशरीफ नौबतपुर ,मसौढ़ी ,बिक्रम ,पालीगंज और मनेर इलाके के लोगों के लिए उपलब्ध है.
रमेश कुमार शर्मा ने नवी मुंबई में फंसे बिहार के लोगों की सहायता के लिए भी अपना हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इसके माध्यम से लोग उनकी टीम से संपर्क कर लॉक डाउन की स्थिति में भोजन और आवास की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. मुंबई से दूरभाष पर बात करते हुए रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि जो कुछ भी क्षेत्र के लोगों के लिए हो सकता है वह सब कुछ मैं मुंबई से बैठे बैठे अपनी टीम के माध्यम से कर रहा हूं . पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के सभी गांव में मैसेंजर के माध्यम से उन्होंने यह जानकारी भेजी है कि अगर कोई व्यक्ति बीमार है, लाचार है और उसके पास दवा खरीदने के पैसे नहीं हैं तो वह दवा दुकान में जाए अपनी पर्ची दे और दवा दुकानदार उसकी पर्ची और जो पैसा होता है उसका बिल उनके द्वारा दिए गए नंबर पर भेजे. तुरंत रमेश जी की टीम ऑनलाइन पेमेंट करेगी.
पटना जिले के नौबतपुर थाना अंतर्गत कोपा कला गांव निवासी रमेश कुमार शर्मा मुंबई में बड़े व्यवसायी हैं. उन्होंने अपने दिवंगत पिता परशुराम सिंह की स्मृति में श्री परशुराम सिंह फाउंडेशन और माता जी की स्मृति में लखपति फाउंडेशन तथा पत्नी के स्मृति में लता फाउंडेशन का निर्माण किया है. इन संस्थाओं के माध्यम से वे सामाजिक गतिविधियों में सदैव सक्रिय रहते हैं. पटना में उनका मुख्यालय नौबतपुर सिनेमा हॉल भवन है जहां से उनके कार्यकर्ता पूरे कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करते हैं.

कौन हैं रमेश कुमार शर्मा…

63 साल के रमेश कुमार शर्मा शिप रीसाइक्लिंग से जुड़ी कंपनी के मालिक हैं. रमेश इंजीनियर भी हैं. खुद को देशभक्त बताते हैं. भगत सिंह को आदर्श मानते हैं.चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक उनके पास 1107 करोड़ रुपए कीं संपत्ति है. पाटलिपुत्र के नौबतपुर इलाके के कोपा कला गांव के रहने वाले रमेश कुमार शर्मा के पिता शिक्षक थे. बेटे को भी शिक्षक बनाना चाहते थे, लेकिन शर्मा बिहार में नहीं रहना चाहते थे, इसलिए बिहार टैक्ट बुक में नौकरी होने के बावजूद उन्होंने नौकरी ज्वॉइन नहीं की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद वो नेवी ज्वॉइन कर मर्चेंट नेवी में चले गए.

रमेश शर्मा 11 कंपनियां के मालिक हैं.उनका कारोबार विदेश तक फैला हुआ है. वे मल्टी मेरिन सर्विसेज लिमिटेड, मरमरी शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड, अपना इंटरनेमेंट लिमिटेड, अमारा फिल्म प्रोडक्शन लिमिटेड, फूजी पिक्चर एंड सिनेमा लिमिटेड, फूजी इंजीनयरिंग लिमिटेड कंपनियों के मालिक हैं.बातचीत में रमेश ने एक किस्सा सुनाया था. जब वो नेवी में थे, तब उन्हें मर्चेंट नेवी में जाने का ऑफर मिला. लेकिन वह नेवी नहीं छोड़ना चाहते थे. मर्चेंट नेवी में पैसा ज्यादा था. उन्होंने भगवान भोले नाथ के मंदिर में सिक्का उछाल कर फैसला किया. टेल आया और वे मर्चेंट नेवी में चले गए ।

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