जनता पूछ रही सवाल
त्रासदी में कहाँ गए समाजसेवी…..
संवाददाता : ईश्वर यादव
बरकट्ठा: – प्रखंड समेत पूरे देश मे कोरोना की दूसरी लहर कहर बनकर ढाया है।आपदा की इस त्रासदी में लोगों का जनजीवन अस्त ब्यस्त है।कोरोना संक्रमण के वार से लोगों का रोजगार मारा गया।इस संकट घड़ी में जनता के बीच राहत कार्य चलाने वाला कोई नज़र नही आ रहा है।सभी डर से घर के अंदर दुबके है।आपदा में कहां गए वो समाजसेवी जो पिछले कोरोना लहर में खाद्यान्न व मास्क वितरण कर दर्जनों तश्वीर शेयर करते थे।ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि इस आपदा के समय में आखिर तथाकथित समाजसेवी कहाँ चले गए।सस्ती लोकप्रियता हासिल करने व समाचार पत्रों और सोशल मीडिया की सुर्खियां बने रहने वाले आज ग़ायब है।जनता अपने विधानसभा व लोकसभा क्षेत्र के नेता ,नेत्री को भी बेसब्री से ढूंढ रही है।पब्लिक के निशाने पर वे सभी नेता है जो चुनाव में वादा करते हैं कि जनता के सुख दुःख में हमेशा साथ रहेंगे।वैश्विक महामारी के इस दौर में प्रखंड में इन नेताओं व तथाकथित समाजसेवियों के बारे में चर्चा आम हो गई है।समाचार पत्र छपने के लिए तश्वीरें खिंचाकर सस्ती लोकप्रियता बटोरने वाले तथाकथित समाजसेवी ढूंढे नजर नहीं आ रहे हैं,यह स्थानीय चर्चाएं जनता के बीच खूब उठ रही है।तथाकथित समाजसेवी वास्तविक समाजसेवियों की कार्यप्रणाली वास्तविक समाजसेवी को बैचैन कर रही है।कोरोना संक्रमण से लोगों की सांस तक ठहर जा रही है।पर सुध लेनेवाला कोई नहीं।वहीं हज़ारीबाग जिले के अधिकांश प्रखंड में समाजसेवी ,सामाजिक संगठन बढ़चढ़कर भाग ले रहे हैं।गौरतलब है कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य का हाल किसी से छिपा नहीं है।कोरोना के प्रहार से कराह रही जनता के सामने अब पेट की चिंता सताने लगी है।