जीएम ग्रुप ऑफ कॉलेज में मेडिकल साइंस के रूप में एक नए अध्याय का शुभारंभ।
जीएम ग्रुप ऑफ कॉलेज इचाक में मेडिकल साइंस के प्रशिक्षण को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
हजारीबाग: बीमारियों की पहचान और इलाज में टेक्नोलॉजी ने नई संभावनाएं पैदा की। छोटे से छोटे शहरों तक होगी अब इनकी पहुंच। अच्छी बात यह है कि मेडिकल साइंस की नई टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने के लिए जरूरी नहीं है कि विदेशो, महानगरों में भागना पड़े। टेक्नोलॉजी की रफ्तार बेहद तेज है। मझौले और छोटे शहरों के प्रशिक्षण केंद्र भी अब विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी से लैस है. या हो रहे हैं। कभी विदेशों में ही उपलब्ध थे। तकनीकी अब भारत के कई शहरों में उपलब्ध है।
उक्त जानकारी जीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस के निदेशक डॉ रोहित कुमार ने दी, उन्होंने बताया कि इस संस्थान में एएनएम,जीएनएम, पारा मेडिकल और फार्मेसी का प्रशिक्षण प्रारंभ हो चुकी है जो अत्याधुनिक उपकरणों से परिपूर्ण है। डीएमएलटी और ड्रेसर का अनुसूचित जाति (SC) प्रशिक्षण कल्याण विभाग द्वारा निशुल्क इस संस्था में दी जा रही है। आगे उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण इचाक जैसे ग्रामीण परिवेश में आरंभ करने से गरीब एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा। और जो छात्र छात्राएं बड़े शहरों में जाकर इस तरह के प्रशिक्षण का लाभ नहीं ले पा रहे हैं उनके लिए जीएम कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेस एक मील का पत्थर साबित होगा। जो छात्र-छात्राएं मेडिकल साइंस के इन विभिन्न कोर्सों में प्रशिक्षण ले रहे हैं, उनका इंटर्नशिप अथवा प्रैक्टिकल न्यू पल्स हॉस्पिटल इचाक मोड, सीएचसी इचाक,और सदर हॉस्पिटल हजारीबाग में लेंगे।
ये सारे कोर्सेस डिप्लोमा कोर्स होते हैं, जो नर्सिंग क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इनमें मेडिकल क्षेत्र से संबंधित जानकारी विद्यार्थियों को दी जाती है। वर्तमान समय में एएनएम, जीएनएम,डीएमएलटी, ड्रेसर और फार्मेसी का बहुत ही ज्यादा स्कोप है। अगर छात्र-छात्राएं इन कोर्सेस में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं तो अपना कैरियर इस क्षेत्र में अवश्य बेहतर बना सकते हैं। इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर कई छात्र-छात्राएं हजारीबाग, रांची,जमशेदपुर,बोकारो एवम अन्य राज्यों के विभिन्न अस्पतालों में प्लेसमेंट प्राप्त कर अपना योगदान दे रहे हैं। जीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस में प्रशिक्षण दे रहे अनुभवी शिक्षकों के तौर पर कुमारी ज्योति, ज्योति कुमारी, अनुभा रंजन एवं जयसूर्या कुमार का सराहनीय योगदान है, कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में अजय कुमार साथ ही यह संस्थान के समन्वयक के रूप में पंकज कुमार का सराहनीय भूमिका रहा है, साथ ही इस संस्थान में प्रिया कुमारी एवं सुचिता कुमारी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।